सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

भगवान राम पर हुआ मुकदमा कहा तक उपयुक्त ..

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कलयुग मे मुकदमा सतयुग का एक हास्यापद बात कानून की लड़ाई को भावनाओ से खेलने का अनोखा प्रयास ! 2012 में एक फिल्म आई थी- OMG. इसमें कांजी भाई नाम का आदमी भगवान के खिलाफ मुकदमा करता है. यह फिल्म व्यंग्य थी, लेकिन अब वाकई भगवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. उस भगवान राम के खिलाफ जिस पर सबसे ज्यादा सियासत होती रही है. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन भी मुकर्रर कर दिया है ! बिहार के सीतामढ़ी में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्याम बिहारी की अदालत में दर्ज हुआ है. मुकदमा करने वाला शख्स है- स्थानीय वकील ठाकुर चंदन सिंह. केस है महिला उत्पीड़न का. चंदन सिंह का पॉइंट है कि एक धोबी की बात सुनकर भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को घर से निकाल दिया. ऐसा कर उन्होंने सीता पर अत्याचार किया है. बात सीता को वनवास की है.! वेसे भारतीय कानून इतना लचीला है की आम व्यक्ति सिर्फ चर्चा मे आने के लिए कुछ न कुछ नया पेच लड़ता है ! अब इस केस का क्या ओचित्य मेरी समझ से तो परे है ! खेर माननीय न्यायाधीश क्या फेसला देते है सामने आ ही जाएगा ! अदालत मे वेसे भी बहुत से मामले ऐसे पड़े होते है की उनकी सुनवाई करते करते निर्दोष व्यक्ति खुद को निर्दोष साबित करने मे पूरी उम्र गुजार देता है ! बड़ी विडम्बना है एक अधिवक्ता खुद इस तरह का मुकदमा दायर करे जिससे धार्मिक भावनाओ को कितनी ठेश पहुचेगी शायद इस पर गोर नही किया ! अगर अदालत के सामने इसी तरह के मामले आते रहे है ! मिडिया को तो मसाला मिलता रहेगा उसे दिन भर लाइव मसाला मिल गया ! अगर मीडिया इसको न दिखाये तो कोई प्रसिद्धि पाने के लिए जिसका कोई ओचित्य नही इस तरह की मज़ाक नही बनाएगा ! अब कोई लंकापति रावण पर सीतामाँ के अफहरण का मामला दर्ज करा दे ! इसमे कोई आशंका नही ...
उत्तम जैन विद्रोही
संपादक विद्रोही आवाज