रविवार, 7 जून 2015

ये अक्षय बट है


मुझे नहीं मालूम किसी के लिए अच्छे दिन का क्या मतलब है। मेरे लिए मेरे धर्म,मेरे देश,मेरी संस्कृति के उत्कर्ष के क्षण ही मेरे अच्छे दिन हैं। एक हजार वर्षो की कालिमा को भेद कर हिंदुत्व का सूर्य उदित होना ही मेरे अच्छे दिन हैं। इस सूर्योदय से निशाचरों का परेशान होना स्वाभाविक है। सूर्योदय से सारी दुनिया प्रफुल्लित होती है बस उल्लुओं और चमगादड़ों को निराशा।
"सर्वे भवन्तु सुखिनः " मात्र एक परिकल्पना नहीं है। योग उसको कार्यरूप में साकार करने का नाम है। स्वामी रामदेव द्वारा वैज्ञानिक प्रामाणिकता के साथ योग की सभी को स्वस्थ रखने की क्षमता के प्रदर्शन ने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान योग की ओर आकृष्ट किया है। आज करोड़ों लोग इससे लाभान्वित होकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं साथ ही चिकित्सा पर होने वाले अरबों रुपये की बचत कर रहे हैं। पूरे विश्व को अपना परिवार माननेवाला हिन्दू जीवन दर्शन योग के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को आलिंगनबद्ध कर रहा है। ये संभव हुआ है सात्विक और स्वाभिमानी राजनीतिक नेतृत्व के कारण। क्या स्वास्थ्य के क्षेत्र में न्यूनतम खर्च करके सबको स्वस्थ रखना किन्ही अच्छे दिनों से कम है?
योग का विरोध विशुद्ध रूप से पूर्वाग्रह ग्रस्त मानसिकता का परिचायक है और जन सामान्य के कल्याण का विरोधी है। जिन्हे सदैव हिन्दू जीवन दर्शन पिछड़ा लगा हो उन्हें उसके इस एक चमत्कार से परेशान होना स्वाभाविक है। इसके संवाहकों के प्रति उनका विषवमन भी स्वाभाविक ही है। क्रान्तिकारी लगने की मानसिकता से पीड़ित छुद्र लोगों ने ४,जून को स्वामी रामदेव के उत्पीड़न पर तो क्षोभ व्यक्त नहीं किया पर उसे सलवार दिवस घोषित कर दिया। जबकि रामदेव का उनसे कोई प्रत्यक्ष विरोध नहीं है। स्वयंभू ईमानदारों का भारतीयता से चिरपरिचित विरोध ही इस विरोध का मूल कारण है।
ये अंधविरोधी याद रखें सनातनता अपनी जीवंतता के लिए किसी की कृपा की मोहताज नहीं है। सूर्य को ढकने के उपक्रम से सूर्य को नष्ट नहीं किया जासकता। तुम सूर्य नमस्कार करो या नहीं लेकिन सूर्य की उपेक्षा तुम्हारे अल्लाह और तुम पर ही भारी पड़ने वाली है। प्रकाश के आराधक होते तो सबके कल्याण की कामना करते। अँधेरे से अंधे हुए लोगों ने पूरी धरती को खून से लाल कर दिया है। क्या इस खून की लाली से सूर्य की लालिमा अच्छी नहीं है ?
हमारी सनातनता ने हमें सनातन प्रतीकों और आस्थाओं के साथ साथ जीना सिखाया है। तुमने सिर्फ खजूर देखा होगा हमने बट वृक्ष देखा है। तुम खोखली अकड़ के साथ खाम्खा अकड़े रहने वाले हो। हम बट वृक्ष हैं। तुम जैसों की हमें ख़त्म करने की हजार कोशिशों के बाबजूद हम अपराजेय हैं। हमारी सनातनता तुम्हारी क्षणभंगुरता पर हमेशा भारी पड़ेगी। योग का अर्थ होता है जोड़ना हम सबको जोड़ना और सबसे जुड़ना चाहते हैं। हमारा यही चरित्र योग के रूप में एक हजार वर्षों के बाद नयी कोपलों और शाखाओं के साथ पूरे विश्व को अपनी शीतल छाँव देने जारहा है।

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