मित्रो
आज हम मानवता से दूर भाग रहे । सभी के विचार सूखे व् बंजर हो चले है । एक इंसान दूसरे इंसान का खून का प्यासा हो रहा है । हर इंसान दूसरे इंसान को नीचा दिखाने की कोशिश में लगा है । सिर्फ अपने नाम को आगे बढ़ाने के लिये अपने ईमान को बेच देता है । सच स्वीकार करने की हिम्मत खो चूका इंसान चाहे कितना भी बड़ा बन जाए विद्रोही की नज़र में नगण्य है । बड़ा तो वह होता है जो सच का साथ दे सच के साथ अपना समर्थन दे । सच का आदर करे व् सच बात आप तक पहुचाने वाले की हिम्मत को दाद दे । वहीँ वीर पुरुष होता है । जरुरी नही की हर व्यक्ति को आपकी हर बात अच्छी लगे और आपका ही समर्थन करे । हर इंसान को मानवता के नाते हर सच व् कटु बोलने वाले की बात सहनशीलता के साथ सुननी चाहिए और अगर स्वयं सहमत न हो तो अपनी बात तर्क के साथ समझानी चाहिए । यह हर एक मानव का धर्म है । मुह पर मीठे बोलने वाले और वाह वाही करने वाले कभी सच्चे आपके मित्र नही हो सकते वो आपके पीठ पर कब वार करेंगे स्वयं को ज्ञात नही होगा ।
उत्तम जैन
विद्रोही आवाज़
ब्लॉग लेखक उत्तम जैन विद्रोही आवाज समाचार पत्र के प्रधान संपादक है ! पेशे से डॉ ऑफ नेचोरोंपेथी है ! स्वयं की आयुर्वेद की शॉप है ! लेखन मेरा बचपन से शोख रहा है ! वर्तमान की समस्या को जन जन तक पहुचाने के उदेश्य से एक समाचार पत्र का सम्पादन2014 मे शुरू किया ब्लॉग लेखक उत्तम जैन (विद्रोही ) विद्रोही आवाज़ के प्रधान संपादक व जैन वाणी के उपसंपादक है !
शनिवार, 7 फ़रवरी 2015
मानवता
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हमें लेख से संबंधित अपनी टिप्पणी करके अपनी विचारधारा से अवगत करवाएं.