विश्व का सबसे अनूठा पर्व - मर्यादा महोत्सव ( उत्तम जैन – प्रधान संपादक विद्रोही आवाज़ )
किसी महापुरुष के जन्म दिवस पर या पुण्यतिथि पर किसी उत्सव का आयोजन तो अत्र तत्र ओर सर्वत्र होता रहता है , लेकिन एक ऐसा भी पर्व है जिस दिन न किसी महापुरुष का जन्मदिवस है ओर न किसी महापुरुष की पुण्यतिथि है ओर वह है मर्यादा महोत्सव यह तेरापंथ जैन धर्मसंघ द्वारा पिछले 150 साल से मनाया जा रहा अनूठा पर्व है ! यह पर्व मर्यादाओ का पर्व है अनुशासन का पर्व है अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी के सानिध्य मे कानपुर ( उत्तरप्रदेश ) मे दिनांक 24 जनवरी से 26 जनवरी तक 151 वा मर्यादा महोत्सव मनाया जा रहा है !
स्थानीय स्तर पर आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री सुव्रत कुमार जी के सानिध्य मे चलथाण मे साध्वी श्री सुदर्शना श्रीजी के सानिध्य मे वलसाड मे तथा साध्वी श्री केलाशवती जी के सानिध्य मे व्यारा मे मर्यादा महोत्सव का विशेष आयोजन समायोजित है !
आचार्य भिक्षु द्वारा संघ के साधू साध्वी के लिए निरूपित तेरापंथ की मूल मर्यादाऐ 13 है जो निम्न है
1 सर्व साधू साध्वीया एक आचार्य की आज्ञा मे रहे
2 विहार चातुर्मास आचार्य की आज्ञा से करे
3 अपने शिष्य न बनाए
4 आचार्य योग्य व्यक्ति को ही दीक्षित करे व दीक्षित करने पर कोई अयोग्य निकले तो उसे गण से अलग कर दे
5 आचार्य अपने गुरु भाई या शिष्य को उत्तराधिकारी चुने तो सब साधू साध्वीया सहर्ष स्वीकार करे
6 श्रदा या आचार के बोल को लेकर गण मे भेद न डाले , दलबंदी न करे ! आचार्य व बहुश्रुत साधू कहे वह मान ले अथवा केवलीगम्य कर दे !
7 गण मे शुद्ध साधूपन सरधे वह गण मे रहे किन्तु छल कपटपूर्वक गण मे न रहे जिसका मन साक्षी दे , भली भांति साधुपन पलता जाने , गण मे तथा अपने आप मे साधूपन माने तो गण मे रहे किन्तु वंचना पूर्वक गण मे न रहे
8 गण मे किसी साधू साध्वी के प्रति अनास्था उपजे , शंका उपजे वेसी बात न करे
9 किसी साधू साध्वी मे दोष जान पड़े तो उसे उसे आचार्य को जता दे , किन्तु प्रचार न करे
10 किसी साधू साध्वी को जाति आदि को लेकर ओछी जुबान न बोले
11 गण के पुस्तक पन्ने आदि पर अपना अधिकार न करे
12 गण से बहिस्कृत या बहिभूर्त व्यक्ति व्यक्ति से संस्तव न करे
13 पद के लिए उम्मीदवार न बने
तेरापंथ की ये मोलीक मर्यादाऐ किसी भी संस्था , समाज या देश के लिए मार्गदर्शक बन सकती है
ब्लॉग लेखक उत्तम जैन विद्रोही आवाज समाचार पत्र के प्रधान संपादक है ! पेशे से डॉ ऑफ नेचोरोंपेथी है ! स्वयं की आयुर्वेद की शॉप है ! लेखन मेरा बचपन से शोख रहा है ! वर्तमान की समस्या को जन जन तक पहुचाने के उदेश्य से एक समाचार पत्र का सम्पादन2014 मे शुरू किया ब्लॉग लेखक उत्तम जैन (विद्रोही ) विद्रोही आवाज़ के प्रधान संपादक व जैन वाणी के उपसंपादक है !
सोमवार, 26 जनवरी 2015
विश्व का अनूठा पर्व ..मर्यादा पर्व
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