स्त्री की योग्यता का पैमाना उसकी प्रतिभा है देह नहीं......
देश की एक न्यूज़ वेबसाइट पर ने एक समाचार प्रकाशित किया हुआ आज मे पढ़ रहा था … ” देश की सबसे सुन्दर 10 आई ए एस व् आई .पी एस अधिकारी …………. इसमें उन्होंने 10 महिलाओं के नाम दिए | पढ़ते हुए मानस पटल पर एक विचार आया स्त्री की योग्यता का पैमाना उसकी प्रतिभा है या देह आज तक कभी देश के 10 सुन्दर पुरुष आई ए एस व् आई पी एस के नाम क्यों नहीं जारी किये गए | यह पुरुष वादी सोंच है जहाँ प्रतिभाशाली महिलाओं की योग्यता व् उनके द्वारा किये गए कामों के स्थान पर उनकी शक्लों सूरत को वरीयता दी जाती है ………एक तो पुरुष की मानसिकता स्त्री देह तक ही सीमित है …दूसरे मीडिया उसे भुनाता है | ये आग में घी डालने के सामान है जिससे आग बुझेगी नहीं और भड़केगी | जब इतनी योग्य स्त्रियों को भी प्रतिभा के स्थान पर सौन्दर्य से मापा जाएगा तो साधारण स्त्रियों का अंदाज़ा स्वयं ही लगाया जा सकता !पुरुष स्त्री को हर हाल में शारीरिक-संरचना से क्यों आँकता है? इस तरह के सर्वेक्षण से उन स्त्रियों की उपलब्धि और योग्यता गौण और शारीरिक-संरचना प्रमुख होकर प्रस्तुत होती है जो कि सर्वथा अनुचित है ….शर्म आनी चाहिए… ऐसे बेहूदा विचार धारा वाले हर शख्स को अपने अंतर्मन में झाँक देखना चाहिए कि क्या गलत किया है उन्होंने.... ! बहुधा महिलाओं को ऐसी स्तिथितियों का सामना करना पड़ता है | जब उन के चयन या तरक्की पर सहकर्मी दबी जुबान में कहतें हैं … महिला थी इसलिए प्रमोशन हो गया . ऐसे वाक्य सुनकर एक मिनट के लिए रक्त खौल उठता है | पर फिर अगले ही क्षण मन को संयत करना होता है | आज महिलाएं अपनी प्रतिभा के दम पर हर जगह सफलता का परचम लहरा रहीं हैं | ऐसे में प्रतिभा के स्थान पर केवल उनके सौदर्य की चर्चा करना एक गलत मानसिकता है | जिसकी जितनी भत्सर्ना की जाए कम है ! प्रतिभा स्त्री कठोर परिश्रम से अर्जित करती है | फेसबूक हो शोशल मीडिया पर स्त्री की पोस्ट पर तारीफ़ों के पूल बांधते हुए मानसिक रूप से पीड़ित आप घोर से देखे मिल ही जाएंगे ! उनके विचारो पर ध्यान कम मगर तारीफ़ों की अंबार लग जाती है ! ऐसे व्यक्ति एक गलत मानसिकता से ग्रसित होते है ! इन सब मामलो स्त्रीया भी कुछ हद तक दोषी होती है ! जानबुझ कर कभी कभी ऐसा लिखती है की पुरुष के दिमाग मे कुछ संशय पेदा होने लगता है ! खेर समझदार को इशारा काफी मगर एक अनुरोध स्त्रियो के देह को न देखो उनकी योग्यता को परखो ------- उत्तम जैन (विद्रोही )
देश की एक न्यूज़ वेबसाइट पर ने एक समाचार प्रकाशित किया हुआ आज मे पढ़ रहा था … ” देश की सबसे सुन्दर 10 आई ए एस व् आई .पी एस अधिकारी …………. इसमें उन्होंने 10 महिलाओं के नाम दिए | पढ़ते हुए मानस पटल पर एक विचार आया स्त्री की योग्यता का पैमाना उसकी प्रतिभा है या देह आज तक कभी देश के 10 सुन्दर पुरुष आई ए एस व् आई पी एस के नाम क्यों नहीं जारी किये गए | यह पुरुष वादी सोंच है जहाँ प्रतिभाशाली महिलाओं की योग्यता व् उनके द्वारा किये गए कामों के स्थान पर उनकी शक्लों सूरत को वरीयता दी जाती है ………एक तो पुरुष की मानसिकता स्त्री देह तक ही सीमित है …दूसरे मीडिया उसे भुनाता है | ये आग में घी डालने के सामान है जिससे आग बुझेगी नहीं और भड़केगी | जब इतनी योग्य स्त्रियों को भी प्रतिभा के स्थान पर सौन्दर्य से मापा जाएगा तो साधारण स्त्रियों का अंदाज़ा स्वयं ही लगाया जा सकता !पुरुष स्त्री को हर हाल में शारीरिक-संरचना से क्यों आँकता है? इस तरह के सर्वेक्षण से उन स्त्रियों की उपलब्धि और योग्यता गौण और शारीरिक-संरचना प्रमुख होकर प्रस्तुत होती है जो कि सर्वथा अनुचित है ….शर्म आनी चाहिए… ऐसे बेहूदा विचार धारा वाले हर शख्स को अपने अंतर्मन में झाँक देखना चाहिए कि क्या गलत किया है उन्होंने.... ! बहुधा महिलाओं को ऐसी स्तिथितियों का सामना करना पड़ता है | जब उन के चयन या तरक्की पर सहकर्मी दबी जुबान में कहतें हैं … महिला थी इसलिए प्रमोशन हो गया . ऐसे वाक्य सुनकर एक मिनट के लिए रक्त खौल उठता है | पर फिर अगले ही क्षण मन को संयत करना होता है | आज महिलाएं अपनी प्रतिभा के दम पर हर जगह सफलता का परचम लहरा रहीं हैं | ऐसे में प्रतिभा के स्थान पर केवल उनके सौदर्य की चर्चा करना एक गलत मानसिकता है | जिसकी जितनी भत्सर्ना की जाए कम है ! प्रतिभा स्त्री कठोर परिश्रम से अर्जित करती है | फेसबूक हो शोशल मीडिया पर स्त्री की पोस्ट पर तारीफ़ों के पूल बांधते हुए मानसिक रूप से पीड़ित आप घोर से देखे मिल ही जाएंगे ! उनके विचारो पर ध्यान कम मगर तारीफ़ों की अंबार लग जाती है ! ऐसे व्यक्ति एक गलत मानसिकता से ग्रसित होते है ! इन सब मामलो स्त्रीया भी कुछ हद तक दोषी होती है ! जानबुझ कर कभी कभी ऐसा लिखती है की पुरुष के दिमाग मे कुछ संशय पेदा होने लगता है ! खेर समझदार को इशारा काफी मगर एक अनुरोध स्त्रियो के देह को न देखो उनकी योग्यता को परखो ------- उत्तम जैन (विद्रोही )
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