1 सितम्बर 2015 :मान-शान की इच्छा से दिये गए लाख रूपये की तुलना में
प्रेम व ईमानदारी से दान किये गए मुट्ठी भर चावल का अधिक महत्व है.
2 सितम्बर 2015 : यदि आप हिम्मत का पहला कदम आगे बढायेगे तब परमात्मा की सम्पूर्ण मदद मिल जायेगी.
3 सितम्बर 2015 : मुस्कराना, संतुष्टता की निशानी है. इसलिए सदा मुस्कराते रहो.
4 सितम्बर 2015 : क्या मेरे विचारों का स्तर ऐसा है कि मैं परमात्मा का बच्चा कहलाने का अधिकारी हूँ.
5 सितम्बर 2015 : स्वयं में दैवी गुणों का आह्वान करो तो अवगुण भाग जायेंगे.
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सितम्बर 2015 : एक अच्छा, स्वच्छ मन वाला व्यक्ति दूसरों की विशेषताओं को
देखता है. दूषित मन वाला व्यक्ति दूसरों में बुराई ही तलाशता है.
7 सितम्बर 2015 : जो संकल्प करो उसे बीच-बीच में दृढ़ता का ठप्पा लगाओ तब विजयी बन जायेंगे. आगे पढ़े......
निर्भीक-आजाद पंछी: हमारे जीवन का दर्शन ( सितम्बर -2015 )
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