शनिवार, 4 जून 2016

विश्व पर्यावरण दिवस पर विचार --- प्रकृति से प्यार कीजिये सृजन का सुंदर सुख मिलेगा !


पर्यावरण, ईश्वर द्वारा प्रदत्त एक अमूल्य उपहार है जो संपूर्ण मानव समाज का एकमात्र महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमूल्य भौतिक तत्वों - पृथ्वी, जल, आकाश, वायु एवं अग्नि से मिलकर पर्यावरण का निर्माण हुआ हैं। यदि मानव समाज प्रकृति के नियमों का भलीभाँति अनुसरण करें तो उसे कभी भी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं में कमी नहीं रहेगी। मनुष्य अपनी आकश्यकताओं की पूर्ति के लिए वायु, जल, मिट्टी, पेड-पौधों, जीव-जन्तुओं आदि पर निर्भर हैं और इनका दोहन करता आ रहा हैं। वर्तमान युग औद्योगिकीकरण और मशीनीकरण का युग है। जहाँ आज हर काम को सुगम और सरल बनाने के लिए मशीनों का उपयोग होने लगा हैं, वहीं पर्यावरण का उल्लंघन भी हो रहा हैं। ना ही पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है और ना ही प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक अमूल्य तत्वों का सही मायने में उपयोग किया जा रहा हैं, परिणामस्वरूप प्रकृति कई आपदाओं का शिकार होती जा रही हैं। एक स्वच्छ वातावरण एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन मनुष्य के लापरवाही से हमारा पर्यावरण दिन ब दिन गन्दा होता जा रहा है। वातावरण एक प्राकृतिक परिवेश है जो पृथ्वी नामक इस ग्रह पर जीवन को विकसित, पोषित और नष्ट होने में मदद करता है। प्राकृतिक वातावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में एक बड़ी भूमिका निभाता है और यह मनुष्यों, पशुओं और अन्य जीवित चीजो को बढ़ने और स्वाभाविक रूप से विकसित होने में मदद करता है। लेकिन मनुष्य के कुछ बुरे और स्वार्थी गतिविधियों के कारण हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और हर किसी को हमारे पर्यावरण को कैसे बचाया जाये और इसे सुरक्षित रखने के बारे में जानना चाहिए ताकि इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व को जारी रखने के लिए प्रकृति का संतुलन सुनिश्चित हो सके| यदि हम प्रकृति के अनुशासन के खिलाफ गलत तरीके से कुछ भी करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल को अस्तव्यस्त करती है। प्राकृतिक वातावरण के अलावा, मानव निर्मित वातावरण भी मौजूद है जो की प्रौद्योगिकी, काम के माहौल, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, सुविधाएं और शहरीकरण के साथ सम्बंधित है| मानव निर्मित वातावरण काफी हद तक प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित करता है जिसे हम सभी एकजुट होकर बचा सकते हैं| हम पृथ्वी के हर व्यक्ति के द्वारा उठाए गए छोटे कदम से बहुत ही आसान तरीके से हमारे पर्यावरण को बचा सकते हैं जैसे की; कचरे की मात्रा कम करना, कचरे को ठीक से उसकी जगह पर फेकना, पोली बैग का इस्तेमाल बंद करना, पुराने वस्तुओं को नए तरीके से पुन: उपयोग में लाना, टूटी हुई चीजों का मरम्मत करना और पुन: उपयोग में लाना, रिचार्जेबल बैटरी या अक्षय एल्कलाइन बैटरी का उपयोग करना, फ्लोरोसेंट प्रकाश का प्रयोग करना चाहिए, वर्षा जल संरक्षण करना, पानी की बर्बादी को कम करना, ऊर्जा संरक्षण करना, और बिजली का कम से कम उपयोग इत्यादि| पर्यावरण प्रदूषण हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे की सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक और बौद्धिक को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण का दूषितकरण कई रोगों को लाता है जिससे इंसान पूरी जिंदगी पीड़ित हो सकता है। यह किसी समुदाय या शहर की समस्या नहीं है, बल्कि ये पुरे दुनिया की समस्या है जो की किसी एक के प्रयास से खत्म नहीं हो सकता। अगर इसका ठीक से निवारण नहीं हुआ तो ये एक दिन जीवन का अस्तित्व खत्म कर सकता है। तो आओ हम पर्यावरण सुरक्षा करे ! आज हम संकल्प ले !
उत्तम जैन (विद्रोही ) 

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