अरुणा शानबाग के साथ जब यह हादसा हुआ
तब मेरी उम्र तो महज 2 वर्ष थी ! कुछ वर्षो पहले उनकी दोस्त
पिंकी वीरानी ने उनके लिए सुप्रीम कोर्ट से इच्छा मृत्यु की भी मांग की थी, पर इसे खारिज कर दिया गया था.खेर सुप्रीम कोर्ट के फेसले पर मे नही बोल
सकता मगर क्या इन 42 वर्ष मे यानि जवानी से इस उम्र तक उफ्, ऐसा भी हो सकता
है... अरुणा शानबाग की व्यथा दरिंदगी की हदों के पार की है। 18 मई उनकी जिंदगी का आखिरी दिन रहा। उन्हें एक
सिरफिरे ने सिर्फ प्रतिशोध की सनक में 27 नवंबर 1973 को बयालीस वर्षों के लिए मुंबई के केईएम अस्पताल
के बिस्तर पर सुला दिया था। उस समय वह ट्रेनी नर्स थीं। केईएम
अस्पताल की डॉग रिसर्च लेबोरेटरी में कार्यरत अरूणा ने कुत्तों के लिए लाए जाने
वाले मटन की चोरी करने वाले वार्ड बॉय सोहनलाल की अस्पताल प्रशासन से शिकायत कर दी
थी। सोहनलाल ने अरुणा पर जानलेवा हमला करते हुए
कुत्ते बांधने की चेन से उनका गला घोटकर मारने की कोशिश की थी। इससे उनके दिमाग
में ऑक्सीजन संचरण रुक गया और शरीर बेजान हो गया।इसके बाद सोहनलाल ने उन पर यौन
हमला किया था। इसके बाद अरुणा के रिश्तेदारों ने नाता तोड़ लिया था। उनकी तय शादी
भी टूट गई। अस्पताल की नर्सों और स्टॉफ ने उन्हें 42 वर्षों
तक संभाला। उस घटना से उनको इतना गहरा सदमा लगा कि वह किसी पुरुष की आवाज से भी
घबराने लगी थीं। अरुणा जिस अस्पताल में सेवा करने के लिए आयीं थीं, वहीं वह रोगी बन गयीं. केइएम अस्पताल में 42 साल से नर्सें उनकी सेवा कर रही थीं. नर्सो ने अपना पूरा फर्ज निभाया ! आज सवाल है अरुणा शानबाग के साथ जो हुआ आगे ओर किसी के साथ नही होगा ! क्या गारंटी ? अदालत सबूतो व धाराओ
व वकील की दलीलों के आधार पर न्याय करती है ! यह एक संविधान है मेरा विरोध करना भी
जायज नही क्यू की मे न्यायप्रणाली पर अंगुली नही उठा सकता ! मगर एक सोचनीय प्रश्न है
क्या ओर कब तक अरुणा शानबाग जी के साथ जो हुआ ओर आगे होता
रहेगा ! क्या आज की महिला इतनी असक्षम है ! की महिला के साथ हुए अत्याचार के विरुद्ध
सिर्फ दो चार शब्द या अपना चंद शब्दो मे आक्रोश जता कर चुप ही रहेगी
! मेरी शिकायत सिर्फ महिला से नही उन मर्दो
से भी है जो एक बहन बेटी को न्याय नही दिला पाया ! उन्हे
मर्द कहलाने
का हक नही ! उफ़्फ़ .......... उफ्, ऐसा भी हो सकता है .........उत्तम
विद्रोही
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हमें लेख से संबंधित अपनी टिप्पणी करके अपनी विचारधारा से अवगत करवाएं.