अभी अभी कुछ ही दिनो पूर्व नेपाल व भारत मे भूकंप आया ! एक दिल दहला देने वाला द्रश्य सभी टीवी चेनलों पर देख रहा था ! काफी देर तक द्रश्य देख मानसिक तनाव होने लगा
! फिर कुछ देर सोचते हुए कलम व अपनी डायरी
निकाली ! एक कल्पना दिमाग मे गुम रही थी तो लिखना शुरू किया ! कुछ
पल बाद लगा कि कमरे के सामान भी घूम रहे है तो मैं बाहर आया देखा यहा तो सब
हालत सामान्य सा लग रहा है ! शायद वो भूकंप मेरे दिलो दिमाग पर हावी हो गया था ! पर दिमाग व विचारो मे वही आवाज़ भूकम्प
आया भूकम्प आया ,,,,भागो भागो पर अब मुझे कोई चिंता नहीं थी क्योकि मरने पर भी मेरे
पीछे कुछ नहीं था और जिन्दा रहने पर भी कुछ नहीं है खैर मैंने सोचा जरा यही देख
लूँ कि आज के दौर में जब लोग किसी की जान जाने पर झांक कर नहीं देखते तो अपनी जान
बचाने के लिए कैसे पागल हुए जा रहे है | भारत
पाकिस्तान बटवारे की भीड़ की तरह लोग खुले में दौड़ रहे थे | विचारो मे एक महिला आ रही थी ओर वह महिला एक बोतल में पानी लिए दौड़ रही थी | एक दूसरी महिला ने पूछा कि ये पानी किस लिए लेकर जा
रही हो ? बोलत वाली महिला ने कहा कि
बच्चे स्कूल से आ रहे होंगे और अगर उनको प्यास लगी तो पानी लेने घर के अंदर कैसे
जाउंगी भूकम्प के कारण बच्चे पानी के बिना प्यासे ना रह जाये इसलिए अपनी साथ ले आई हूँ | इतनी
विपरीत क्षणों में भी एक माँ को अपने से ज्यादा अपने बच्चे याद रहे क्या अब भी हम
समझना चाहते है कि मानव और मानवता कहा बसती है | एक भूकम्प मुझे बहुत कुछ समझा गया था क्या आपको
भूकम्प में कोई याद आया और
एक बात भूकम्प के दौरान ही जब यह लिख ही रहा था तब तक मेरी माँ का फ़ोन आ गया जो गाँव गयी
हुई थी ! काफी मानसिक रूप से परेशान थी ओर बोल रही थी
बेटा .कहा हो कैसे हो जल्दी से घर से बाहर जाओ और हां फिर 5 बजे
बजे फिर बहुत तेज
भूकम्प आएगा ! ऐसा सुना है ! अपना
ख्याल रखना | मैं सोच रहा था कि माँ को अपनी
चिंता क्यों नहीं होती !! क्या वही समाज व परिवार की
असली रक्षक है! जिसे अपने से ज्यादा मेरी व मेरे पूरे परिवार की चिंता
है ! अपनी कलम को वंही विराम देकर स्वयं सोचने लगा
! इतना मेरी माँ ही नही सबकी माँ सोचती है ! तो बहुत सी माँ को अपने सुपुत्र वृद्धाश्रम मे क्यू भेज
देते है ! क्यू अपनी शादी के बाद माँ को पराई समझने लगते है !
मित्रो यह एक कड़वा सच है ! आप स्वयं सोचिए की आपकी पत्नी ही किसी की माँ होगी फिर
महिला दुखी क्यू है ????????????
शायद आपके पास जबाव नही !
उत्तम जैन
( विद्रोही )
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